आज के दौर में, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने न केवल हमारे जीवन का हिस्सा बनकर अपनी जगह बनाई है, बल्कि यह जनमत को आकार देने में भी एक अहम भूमिका निभा रहा है। चाहे वह समाचार चैनल हो, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स हो, या अन्य डिजिटल साधन, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया जनमानस पर व्यापक प्रभाव डालता है।
जनमत निर्माण में मीडिया की सशक्त भूमिका है तथा मीडिया प्रशासन एवं जनता के बीच कडी का कार्य करता है। मीडिया, जनता और प्रशासन के बीच एक सेतू का कार्य करता है।
भारत में इलेक्ट्रोनिक मीडिया पिछले 15-20 वर्षों में घर घर में पहुँच गया है फिर चाहे वह शहर हो या ग्रामीण क्षेत्र। इन शहरों और कस्बों में केबिल टीवी से सैकड़ो चैनल दिखाए जाते हैं।
एक सरकारी रिपोर्ट के अनुसार भारत के कम से कम 80 प्रतिशत परिवारों के पास अपने टेलीविजन सेट हैं और मेट्रो शहरों में रहने वाले दो तिहाई लोगों ने अपने घरों में केबल कनेक्शन लगा रखे हैं। इसके साथ ही शहर से दूर-दराज के क्षेत्रों में भी लगातार डीटीएच-डायरेक्ट टु होम सर्विस का विस्तार हो रहा है।
प्रारम्भ में केवल फिल्मी क्षेत्रों से जुड़े गीत, संगीत और नृत्य से जुड़ी प्रतिभाओं के प्रदर्शन का माध्यम बना एवं लंबे समय तक बना रहा, इससे ऐसा लगने लगा कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया सिर्फ़ फिल्मी कला क्षेत्रों से जुड़ी प्रतिभाओं के प्रदर्शन के मंच तक ही सिमटकर रह गया है, जिसमे नैसर्गिक और स्वाभाविक प्रतिभा प्रदर्शन के अपेक्षा नक़ल को ज्यादा तवज्जो दी जाती रही है।
कुछ अपवादों को छोड़ इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की यह नई भूमिका अत्यन्त प्रशंसनीय और सराहनीय है, जो देश की प्रतिभाओं को प्रसिद्धि पाने और कला एवं हुनर के प्रदर्शन हेतु उचित मंच और अवसर प्रदान करने का कार्य कर रही है। मेदिअ कभि कभि बहोउत नुक्सान पहुचाता है।
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया आज के जीवन का आवश्यक हिस्सा बन गया है। ऐसा लगता है कि आम जनता पर इसका ज्यादा प्रभाव पड़ता है क्योंकि मीडिया के साथ लोगों की बातचीत बढ़ रही है। ये सूचना का मुख्य स्रोत हैं साथ ही साथ शिक्षा का भी। आधुनिक दिनों में विशेषज्ञ अपने विचारों को टेलीविज़न रेडियो आदि पर पेश कर रहे हैं। लोग इन विचारों को पकड़ लेते हैं और अपनी मानसिकता को सही या उसके खिलाफ सेट करते हैं।
ये हमारे देश के लोगों के विचारों पर भी असाधारण प्रभाव डालते हैं। लोग सोच रहे हैं कि इस प्रकार के मीडिया अधिक भरोसेमंद हैं इसलिए राय और जानकारी के लिए इन स्रोतों पर विश्वास करते हैं।
इस प्रकार यह लोगों के विचारों को आकार देने में मदद करता है प्रौद्योगिकी के उपयोग से लोगों को कई चीजों के बारे में विचार करना पड़ता है ताकि लोगों का अपना मन इस संबंध में स्थापित हो। यही कारण है कि मीडिया, विशेष रूप से टीवी और रेडियो आदि कुछ ऐसी चीजें हैं जो लोगों के विचारों को आकार दे रहे हैं।
मीडिया – टेलीविज़न, प्रेस और ऑनलाइन – जनता के साथ संचार करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है जो दुनिया में होता है या उन मामलों में जहां दर्शकों के पास प्रत्यक्ष ज्ञान या अनुभव नहीं होता है, वे विशेष रूप से मीडिया पर निर्भर होते हैं ताकि उन्हें सूचित किया जा सके। इसके अलावा, मीडिया जानकारी का भंडार है यह व्यक्तियों को दिन-प्रतिदिन नए खुलासे के बारे में शिक्षित करता है
तकनीकी उन्नति के साथ, जैसे कि इंटरनेट, ने बटन के क्लिक पर हमारे कार्यस्थानों और घरों में विभिन्न प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को लाने के लिए संभव बना दिया है, जन-मीडिया का प्रभाव निर्विवाद है क्योंकि यह लोगों की धारणा को तोड़ सकता है, या सही कारणों के लिए एक आंदोलन शुरू कर सकता है। मुझे लगता है कि हालांकि मीडिया एक प्रमुख नवाचार के रूप में प्रकट हुई है लेकिन व्यक्तिगत आकांक्षाएं विचारों और रायओं के गठन में प्रभाव डालता है।
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का उदय और उसकी ताकत
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का उदय 20वीं सदी के अंत में हुआ, जब रेडियो और टेलीविजन ने लोगों को सूचना का नया माध्यम दिया। इसके बाद, इंटरनेट और स्मार्टफोन के प्रसार ने इस क्षेत्र में क्रांति ला दी। आज, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया तेज गति से समाचार प्रसारित करने और विचारों को साझा करने का सबसे प्रभावी साधन बन चुका है।
जनमत निर्माण में भूमिका
1. सूचना का तेज प्रसार
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की सबसे बड़ी ताकत इसकी त्वरित सूचना देने की क्षमता है। ब्रेकिंग न्यूज़, लाइव कवरेज और रियल-टाइम अपडेट्स के माध्यम से लोग तुरंत घटनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इससे जनता की राय तेजी से प्रभावित होती है।
2. सोशल मीडिया और जनमत
फेसबुक, ट्विटर, और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म ने लोगों को अपनी राय व्यक्त करने और दूसरों की राय जानने का मौका दिया है। राजनीतिक बहस, सामाजिक मुद्दे, और सरकारी नीतियों पर चर्चा यहां आम बात हो गई है।
3. राजनीतिक अभियानों को बढ़ावा
चुनावी अभियानों में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का उपयोग बड़े पैमाने पर होता है। नेताओं के भाषण, प्रचार वीडियो, और डिबेट्स जनता के मत को प्रभावित करने में अहम भूमिका निभाते हैं।
4. सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने शिक्षा, स्वास्थ्य, और पर्यावरण जैसे मुद्दों पर जन जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यह समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का एक प्रभावी उपकरण साबित हुआ है।
चुनौतियां और जिम्मेदारियां
1. फेक न्यूज़ और भ्रामक जानकारी
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर फेक न्यूज़ का प्रसार एक बड़ी समस्या है, जो जनमत को गलत दिशा में ले जा सकता है।
2. पक्षपात और एजेंडा-चालित रिपोर्टिंग
कुछ मीडिया चैनल्स पर पक्षपातपूर्ण और एजेंडा-चालित रिपोर्टिंग के आरोप लगते हैं, जो निष्पक्ष जनमत निर्माण में बाधा डालते हैं।
3. नैतिकता और उत्तरदायित्व
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी और निष्पक्ष व सटीक जानकारी प्रदान करनी होगी।
निष्कर्ष
इस प्रकार, यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि जन-मीडिया व्यक्तियों के जीवन को आकार देने में एक शक्तिशाली प्रभाव है। हालांकि, बड़े पैमाने पर मीडिया के जीवन पर और लोगों के मन पर सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। यह लोगों की मानसिकता पर निर्भर करता है, जैसा कि वे किस पक्ष की तलाश करते हैं।
भारत में जनमत को आकार देने में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की भूमिका की और अधिक जानकारी आप wikipedia.com का पोस्ट पढ़ के हासिल कर सकते हैं. दोस्तों आपको हमारा पोस्ट ” भारत में जनमत को आकार देने में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की भूमिका ” अच्छा लगा तो कमेंट और सोशल मीडिया पर Share जरूर करें।